लगभग एक साल की लंबे चोट के बाद रणजी ट्रॉफ़ी में बेहतरीन वापसी करने वाले तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफ़ी के लिए बंगाल की टीम में नामित किया गया है। यह टूर्नामेंट 23 नवंबर से शुरू हो रहा है, और बंगाल का पहला मुक़ाबला पंजाब के ख़िलाफ़ होगा।
इस बार सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफ़ी में बंगाल टीम की कप्तानी सुदीप घरामी के हाथों में होगी, जबकि रणजी ट्रॉफ़ी में कप्तानी अनुस्तुप मजूमदार ने संभाली थी।
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शमी ने अपनी वापसी रणजी ट्रॉफ़ी के जरिए की थी, जहां उन्होंने मध्य प्रदेश के ख़िलाफ़ पहली पारी में चार और दूसरी पारी में तीन विकेट लिए थे। यह प्रदर्शन उनकी फ़िटनेस और फ़ॉर्म में सुधार का संकेत माना जा रहा है। हालांकि चोट से उनकी रिकवरी उम्मीद से ज़्यादा समय ले गई, जिसके चलते उन्हें बांग्लादेश, न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ टेस्ट सीरीज़ से बाहर रहना पड़ा।
मध्य प्रदेश के ख़िलाफ़ जब पहले दिन शमी ने अपने हाथों में गेंद पकड़ी थी, तो वह कोई ख़ास प्रभाव नहीं छोड़ पाए थे। उस दिन उन्होंने कुल 10 ओवर की गेंदबाज़ी की थी और कोई विकेट नहीं ली। इसके बाद कई सवाल उठने लगे थे कि क्या वह पूरी तरह फ़िट थे? क्या उनकी टखने में परेशानी थी? क्या वह अपनी पूरी क्षमता से गेंदबाज़ी कर रहे थे? क्या वह पूरी तीव्रता से गेंद डाल रहे थे?
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लेकिन उसके बाद वाले दिन शमी ने ऐसे कई प्रश्नों का जवाब देने का अच्छा प्रयास किया था। पहले दिन कोई विकेट नहीं लेने वाले शमी ने दूसरे दिन चार विकेट लिए, जिसके कारण बंगाल की टीम को मध्यप्रदेश के ख़िलाफ़ 61 रनों की अच्छी लीड हासिल करने में सफलता भी मिली। साथ जब यह मैच रोमांचक स्थिति में पहुंचा तो शमी ने तीन विकेट लेकर बंगाल की टीम को जीत दिलाई।
इस मैच के बाद यहां उम्मीद थी कि शमी को बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के लिए भी ऑस्ट्रेलिया बुलाया जा सकता है लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
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शमी की वापसी को देखते हुए तब बंगाल के कोच लक्ष्मी रतन शुक्ला ने कहा, "एक खिलाड़ी जो एक साल बाद वापसी कर रहा है और 19 ओवर डालकर इतने विकेट लेता है... इसमें कहने के लिए कुछ बचता ही नहीं है। उन्होंने बिना किसी मैच सिमुलेशन के सीधे मैच खेला। जाहिर है कि वह जितना ज़्यादा खेलेंगे, उतना बेहतर होते जाएंगे।"
"उन्होंने एक छह ओवर और एक पांच ओवर का स्पैल फेंका। आईपीएल में खेलने वाले खिलाड़ी चार ओवर से ज़्यादा गेंदबाज़ी करना नहीं जानते। उन्होंने वो स्पैल फेंका जो तेज गेंदबाज़ों से अपेक्षित है। मैंने कभी किसी तेज़ गेंदबाज़ को एक साल बाद इतनी मज़बूती से वापसी करते नहीं देखा। उन्होंने आज जो किया वह एक परीकथा की तरह है।"
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