भारत की महिला क्रिकेट के लिए पहली विश्व खिताब की तलाश आखिरकार रविवार को समाप्त हो गई, जब अंडर-19 क्रिकेट टीम ने दक्षिण अफ्रीका में इंग्लैंड को सात विकेट से हराकर पहले आईसीसी अंडर-19 महिला टी20 विश्व कप का खिताब जीत लिया। 2005 में 50 ओवर में भारत द्वारा पहली बार विश्व कप के फाइनल में जगह बनाने के लगभग 18 साल बाद, शेफाली की टीम ने शानदार गेंदबाजी के साथ-साथ इंग्लैंड को सिर्फ 68 रन पर ऑलआउट करने के लिए शानदार फिल्डिंग का भी प्रदर्शन किया।
अंडर-19 महिला टी20 टीम के विश्व कप खिताब जीतने पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी टीम को बधाई दी है। वहीं भारतीय महिला अंडर-19 क्रिकेट टीम और सहयोगी स्टाफ के लिए बीसीसीआई ने 5 करोड़ रुपये के नकद पुरस्कार की घोषणा की है। बीसीसीआई सचिव जय शाह ने कहा, "अंडर19 विश्व कप जीतने पर भारतीय महिला टीम को बधाई। यह एक अभूतपूर्व उपलब्धि है, क्योंकि हमारी युवा क्रिकेटरों ने देश को गौरवान्वित किया है। युवा खिलाड़ियों ने बिना डरे अपने साहस का परिचय दिया है।"
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इससे पहले भारत ने शानदार फिल्डिंग के कारण इंग्लैंड को मैच में कहीं भी टिकने नहीं दिया। तीतस ने पारी की चौथी गेंद पर लिबर्टी हीप पवेलियन भेज कर भारत को पहली सफलता दिलाई। तीतस और अर्चना ने चीजों को चुस्त-दुरुस्त रखने के अलावा, भारत अपनी ग्राउंड फील्डिंग में भी तेजी दिखाई। निआह हॉलैंड ने चौथे ओवर में स्क्वायर लेग के माध्यम से अर्चना को बाउंड्री लगाई। लेकिन अगली ही गेंद पर निआह स्कूप करने के चक्कर में आउट हो गईं।
ओवर की आखिरी गेंद पर अर्चना ने कप्तान ग्रेस स्क्रिवेंस को कैच आउट कराकर इंग्लैंड को एक और तगड़ा झटका दिया। अगर विकेटकीपर ऋचा घोष पांचवें ओवर में तीतस की गेंद पर शून्य पर रेयाना मैकडोनाल्ड गे का कैच नहीं छोड़तीं तो भारत पावरप्ले में अपना चौथा विकेट हासिल कर सकता था, लेकिन दाएं हाथ की इस तेज गेंदबाज ने सातवें ओवर में इनस्विंगर से सेरेन स्मेल को आउट कर वापसी की।
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इसके बाद भारत की गेंदबाजों ने इंग्लैंड की बल्लेबाजों को सांस लेने का समय नहीं दिया और आखिर में 17.1 ओवर में 68 रनों पर ढेर कर दिया। शुक्रवार को सेमीफाइनल में इस्तेमाल की गई पिच पर तेज गेंदबाज तीतस साधु, ऑफ स्पिनर अर्चना देवी और लेग स्पिनर पार्शवी चोपड़ा अपनी लाइन और लेंथ से दो-दो विकेट लेने में सफल रहीं। भारत की ओर से प्रभावशाली गेंदबाजी प्रदर्शन में कप्तान शेफाली वर्मा, बाए हाथ की स्पिनर मन्नत कश्यप और सोनम यादव ने एक-एक विकेट लिया।
इसके बाद लक्ष्य का पीछा करने उतरीं कप्तान शेफाली वर्मा ने हन्ना बेकर की गेंद पर चौका मारकर शुरुआत की। इससे पहले सोफिया स्मेल को लॉन्ग ऑफ पर अगले ओवर में एक छक्का लगाया। लेकिन तीसरे ओवर में हन्ना की गेंद पर शेफाली (15) कैच आउट हो गईं। श्वेता सहरावत ने चौथे ओवर में ग्रेस स्क्रिवेंस की ओवरपिच डिलीवरी पर अपना पहला चौका लगाया। लेकिन अगली ही गेंद पर कैच आउट होकर पवेलियन लौट गईं।
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रन-चेज में मुश्किल आने के साथ सौम्या ने पांचवें ओवर में हन्ना के अतिरिक्त कवर पर शॉट लगाया। अगली ही गेंद पर वह बाल-बाल बच गईं। कुछ कसी हुई गेंदबाजी और अच्छी फिल्डिंग के जरिए इंग्लैंड भारत पर दबाव बनाता दिखा। लेकिन सौम्या और तृषा ने सिंगल लेकर स्कोरबोर्ड को आगे बढ़ाया। सौम्या ने भी आठवें ओवर में कीपर को फ्लिक करके सोफिया की गेंद पर एक चौका लगाया।
जब अगले ओवर में जोसी ग्रोव्स की गेंद को सौम्या ने चौके लिए भेजा, दूसरी ओर, तृषा ने 12वें ओवर में ऐली एंडरसन को फ्रंट फुट और बैक फुट पर स्क्वायर लेग के जरिए बैक-टू-बैक बाउंड्री के लिए पुल किया। इसके बाद तृषा (24) मैच जल्द खत्म करने के चक्कर में एलेक्सा की गेंद पर बोल्ड हो गईं। लेकिन सौम्या ने विनिंग शॉट लगाकर भारत को महिला क्रिकेट में अपनी पहली वैश्विक ट्रॉफी दिलाई।
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