मेरठ के प्रतिभाशाली क्रिकेटरों की जमात में एक और सितारा बुलंद हो गया है। खराब आर्थिक हालात और मां के जल्दी देहांत हो जाने के बाद भी हिम्मत ने हारने वाले प्रियम गर्ग को अंडर 19 भारतीय क्रिकेट टीम की कमान सौंप गई है। वो विश्व कप में भारतीय टीम की कप्तानी करते हुए दिखेंगे।
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मेरठ के परिक्षितगढ़ कस्बे के रहने वाले दाएं हाथ के बल्लेबाज प्रियम गर्ग अब अंडर 19 विश्व कप में भारतीय क्रिकेट टीम का नेतृत्व करेंगे। इस खबर ने पूरे कस्बे को गौरव से भर दिया है। प्रियम की इस उपलब्धि पर पूरा इलाका गौरवान्वित महसूस कर रहा है। बता दें कि 18 साल के प्रियम गर्ग हाल ही में उत्तर प्रदेश रणजी टीम के भी कप्तान बनाए गए थे। इसके अलावा उन्होंने अफगानिस्तान के खिलाफ भी कप्तानी की थी।
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प्रियम अपने खेल से पहले ही सबको प्रभावित कर चुके हैं। चैलेंजर ट्रॉफी में इंडिया सी की तरफ से खेलते हुए उन्होंने मंयक अग्रवाल, शिवम दुबे, दिनेश कार्तिक जैसे खिलाड़ियों की मौजुदगी में भी अपनी पहचना बनाने में कामयाब रहे थे। इंडिया बी के खिलाफ उनके 77 रन तब आएं जब आधी टीम आऊट हो चुकी थी।
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प्रियम ने रणजी सत्र में भी शानदार प्रदर्शन करते हुए 867 रन बनाए थे। यहां उन्होंने एक दोहरा शतक और दो शतक जड़े थे। राहुल द्रविड़ ने भी प्रियम की बल्लेबाजी की तारीफ कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि प्रियम जैसा गहराई वाला बल्लेबाज फिलहाल भारत में नहीं है। उनका कहना था कि प्रियम ऐसा बल्लेबाज है जो हमेशा मुश्किल परिस्थितियों में शानदार खेल दिखाता है।
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30 नवंबर को 18 साल होने वाले प्रियम गर्ग मेरठ के विक्टोरिया पार्क मैदान पर प्रैक्टिस करते थे।यह वही मैदान है जहां से भुवनेश्वर कुमार, प्रवीण कुमार और मोहित शर्मा जैसे खिलाड़ी आए।गेंदबाज देने वाले मेरठ ने अब 'गहराई' वाला बल्लेबाज दिया है। उनके कोच संजीव रस्तोगी का भी उनकी सफलता में महत्वपूर्ण योगदान है।
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बता दें कि 2020 में 16 जनवरी से अंडर 19 विश्व कप का आयोजन दक्षिण अफ्रीका में किया जाएगा। इस विश्व कप में 16 टीमें भाग लेंगी। बता दें कि वर्तमान चैंपियन भारत चार बार अंडर 19 विश्व कप जीत चुका है।
प्रियम गर्ग की आर्थिक स्थिति के बारे में इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि गांव से मरेठ आने के लिए हर दिन सिर्फ 10 रुपए दिए जाते हैं। प्रियम बताते हैं कि कभी-कभी वो बस की छत पर सफर करते थे, ऐसे में कई बार उनके पैसे बच भी जाते थे। प्रियम के मां कुसुम देवी प्रियम को एक आईपीएस अफसर बनाना चाहती थीं। लेकिन प्रियम जब मात्रा 11 साल के थे तभी वो दुनिया छोड़ कर चली गईं। हालांकि उनके खेल से मां खुश नहीं थीं। पर प्रियम बहुत छोटी उम्र से ही अपने खेल के दम पर इलाके में नाम बना चुके थे। उनके दोस्त परवेज खान कहते हैं कि प्रियम जब गली क्रिकेट खेलता था तो पैड उसके पेट तक पहुंच जाती थी लेकिन जब वो शॉट खेलते तो सारे हक्के बक्के रह जाते थे।
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प्रियम 2020 में होने वाले आईपीएल में भी खेलते नजर आ सकते हैं। नीलामी सूची में उनका भी नाम है। प्रियम का बेस प्राइस 20 लाख रुपए रखा गया है। प्रियम बताते हैं "बहुत खुश हूं कि अब उनकी गरीबी दूर हो जाएगी और उनके पिता को अब घर घर जाकर दूध नही बेचना पड़ेगा लेकिन मुझे मलाल है यह सब देखने के लिए मेरे मां नही है।”
प्रियम की सफलता के पिछे उनके पिता नरेश गर्ग की संघर्ष और मेहनत भी शामिल है। पर अब वो खुश हैं उनका कहा है कि उनके कंध से बोझ उतर गया है। वो कहते हैं “अब उसके कंधों पर करोड़ों उम्मीदों का बोझ है। मेरा बोझ उतर गया है वो मेरी और उसकी मां की उम्मीदों पर खरा उतरा है उसने बहुत मेहनत की और अब और भी अधिक करनी है।"
प्रियम अपनी सफलता का श्रेय अपने दोस्तों को भी देते हैं। उनका कहना है कि परीक्षितगढ़ और मेरठ के उसके दोस्तों ने उसकी बेइंतहा मदद की है। प्रियम इससे पहले अंडर 14 और अंडर 16 में भी भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। प्रियम कहते हैं "हां इस दिल पर दोस्तों के अहसान बहुत है।”
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