भारत के पूर्व मुख्य कोच ग्रेग चैपल का मानना है कि पर्थ में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज के पहले मैच में भारत से 295 रन से मिली हार के बाद आस्ट्रेलिया का शीर्ष क्रम मेजबान टीम के लिए बड़ी चिंता का विषय है भारत की यह जीत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया में रनों के अंतर से सबसे बड़ी जीत थी। पिछली सबसे बड़ी जीत 1977 में मिली थी, जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया में अपना पहला टेस्ट मेलबर्न में जीता था। यह ऑस्ट्रेलिया में उनकी 10वीं टेस्ट जीत भी थी। पहले बल्लेबाजी करने के बाद भारत सिर्फ 150 रन पर आउट हो गया, लेकिन पूर्णकालिक कप्तान रोहित शर्मा की अनुपस्थिति में कप्तान के रूप में खड़े जसप्रीत बुमराह ने शानदार गेंदबाजी से मैच में भारत का कमबैक कराया और ऑस्ट्रेलिया को सिर्फ 104 रन पर समेट दिया। उन्होंने पूरे मैच में कुल आठ विकेट लिए।
चैपल ने सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड में अपने कॉलम में लिखा, "ऑस्ट्रेलिया का बल्लेबाजी प्रदर्शन ज्यादा चिंताजनक था। जसप्रीत बुमराह की अगुवाई में भारत के गेंदबाज ज्यादा खतरनाक दिखे। वैसे, बुमराह के एक्शन पर सवाल उठाने की बकवास बंद करें। यह अनोखा है, लेकिन यह बिल्कुल साफ है। इस पर बात करना चैंपियन परफ़ॉर्मर और खेल को नीचा दिखाता है। शीर्ष क्रम एक बड़ी चिंता है। मजबूरी में बदलाव से बचने के लिए, उन्हें एडिलेड में अच्छा प्रदर्शन करना होगा।"
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क्रिकेट खेलने का सपना पूरा करने के लिये उत्तर प्रदेश से 11 बरस की उम्र में ट्रेन पकड़कर मुंबई पहुंचे यशस्वी जायसवाल मैदानकर्मियों के साथ टेंट में रहे और रात को पानी पुरी बेचकर अपना गुजारा चलाया लेकिन अतीत के इन संघर्षों ने उन्हें मैदान के भीतर और बाहर हर लड़ाई के लिये तैयार कर दिया ।
कारपेट बनाने के लिये मशहूर भदोही से आस्ट्रेलिया के पर्थ तक जायसवाल का सफर उनकी लगन, प्रतिबद्धता और जिजीविषा की कहानी कहता है । इन संघर्षों से मिले अनुभव का इस्तेमाल वह मैदान के भीतर और बाहर की हर लड़ाई जीतने के लिये कर रहे हैं । आस्ट्रेलिया के खिलाफ यहां पहले टेस्ट में शानदार शतक जमाने वाले जायसवाल को विराट कोहली के बाद भारतीय बल्लेबाजी का अगला सितारा माना जा रहा है ।
जायसवाल ने आस्ट्रेलियाई टीवी प्रसारक मार्क हॉवर्ड से कहा ,‘‘ यह ऐसी चीज है (अपनी कहानी) जो मुझे आत्मविश्वास देती है कि मैं किसी भी स्थिति से बाहर निकल सकता है । मैं हमेशा संघर्ष का सामना करने को तैयार रहता हूं । मुझे चुनौतियों का सामना करने में मजा आता है और मैं हर लड़ाई जीतना चाहता हूं ।’’
बाईस वर्ष के इस बल्लेबाज ने कहा ,‘‘ इससे मैं यही सीखता हूं और मुझे लगता है कि मैं खुशकिस्मत हूं कि ऐसी जिंदगी मिली जिससे मुझे खुद के बारे में सीखने का मौका और आत्मविश्वास मिला । जीवन में अलग अलग तरह की चुनौतियों का सामना करने का हौसला मिला ।’’
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एडिलेड में 6 दिसंबर से होने वाले डे-नाइट टेस्ट के लिए ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अपनी 13-सदस्यीय टीम में कोई बदलाव नहीं किया है। टीम के मुख्य कोच और चयनकर्ता ऐंड्रयू मैक्डोनाल्ड ने इसकी पुष्टि करते हुए यह भी सूचित किया कि ऑलराउंडर मिचेल मार्श की फ़िटनेस पर थोड़ा संदेह है, लेकिन दूसरा टेस्ट शुरू होने में अभी लगभग 10 दिन का समय है। ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत के ख़िलाफ़ पर्थ टेस्ट 295 रनों के बड़े अंतर से हार गई थी। अगर मार्श फ़िट नहीं होते हैं, तो टीम में जॉश इंगलिस के रूप में अतिरिक्त बल्लेबाज़ हैं। वह टीम के रिज़र्व तेज़ गेंदबाज़ स्कॉट बोलैंड के साथ ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एकादश की तरफ़ से भारत के ख़िलाफ़ दो दिवसीय पिंक बॉल अभ्यास मैच में भी भाग लेंगे। मैक्डोनाल्ड ने बताया कि टीम अगले सोमवार को एडिलेड में इकट्ठा होगी और अगले मैच के लिए अभ्यास शुरू करेगी। इससे पहले टीम मंगलवार को फिर से मिलने वाली थी, लेकिन हार के बाद टीम एक दिन पहले एकजुट होगी। हालांकि मैक्डोनाल्ड ने यह खुलासा नहीं किया कि क्या टीम उसी एकादश के साथ जाएगी, जो पर्थ में थी।
मैक्डोनाल्ड ने दो टूक शब्दों में कहा, "जो टीम पर्थ में थी, वही एडिलेड भी जाएगी।" मार्श के फ़िटनेस के सवाल पर उन्होंने कहा, "हम अभी वेट एंड वाच की स्थिति में हैं।" मार्श ने पर्थ टेस्ट के दौरान 17 ओवर गेंदबाज़ी की थी, जो कि पिछले तीन साल में उनके द्वारा किसी मैच में की गई सर्वाधिक गेंदबाज़ी है। वह भी तब जब उन्होंने पिछले आठ महीनों में सिर्फ़ चार ओवर गेंदबाज़ी की हो। ऑस्ट्रेलियाई कोच यह नहीं मानते कि मार्श के कारण उनको एक गेंदबाज़ की कमी खली। ऑस्ट्रेलियाई टीम पर्थ में सिर्फ़ 16 विकेट ही ले पाई, जबकि भारतीय गेंदबाज़ों ने ऑस्ट्रेलिया को 104 और 238 पर ऑलआउट कर दिया था। मैक्डोनाल्ड ने कहा, "मुझे ऐसा नहीं लगता कि वह हमारी कमज़ोरी हैं। उनकी पहली पारी में गेंदबाज़ी भी संतोषजनक थी।"
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ऑस्ट्रेलिया के मुख्य कोच एंड्रयू मैकडोनाल्ड ने भारत के खिलाफ 295 रनों की हार के बाद एडिलेड में होने वाले दूसरे टेस्ट मैच के लिए टीम में कोई बदलाव नहीं किया है, लेकिन ऑलराउंडर मिचेल मार्श की गेंदबाजी करने की क्षमता पर संदेह है। सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच 6 दिसंबर से एडिलेड ओवल में शुरू हो रहा है। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी श्रृंखला के पहले मैच में हार के बाद, कप्तान पैट कमिंस ने खुलासा किया कि मार्श इस साल ब्रिटेन के सीमित ओवरों के दौरे से जुड़ी परेशानियों से जूझ रहे थे। क्रिकेट डॉट कॉम डॉट एयू ने मैकडोनाल्ड के हवाले से कहा, "एडिलेड टेस्ट के लिए चेंजरूम में वही लोग होंगे जो पर्थ में थे। दुनिया में कहीं भी जाओ, परिस्थितियों के हिसाब से खिलाड़ियों को चुनते समय बदलाव करना हमेशा हमारी योजनाओं में शामिल होता है।"
जब उनसे पूछा गया कि भारत की दो पारियों में कुल 17 ओवर (3-77) फेंकने के बाद मार्श ने कैसा प्रदर्शन किया है, तो मैकडोनाल्ड ने कहा, "क्या उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है? हम इंतजार करेंगे और देखेंगे। हम जानते थे कि मार्श का प्रदर्शन ज्यादा अच्छा नहीं रहा, लेकिन मुझे लगता है कि पहली पारी में उनका प्रदर्शन संतोषजनक था।" श्रृंखला के पहले मैच में भारत के खिलाफ टीम के खराब बल्लेबाजी प्रदर्शन के बाद कोच से यह सवाल किया गया कि क्या एडिलेड में भी वही शुरुआती लाइनअप इस्तेमाल किया जाएगा और क्या विशेषज्ञ बल्लेबाज की जगह इंगलिस पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा, "हम आगे बढ़ने के साथ इसका आकलन करेंगे, लेकिन जैसा कि मैंने कहा कि जो टीम वहां है, वह एडिलेड में होगी।"
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भारत के पूर्व हॉकी खिलाड़ी और मेजर ध्यानचंद के बेटे अशोक कुमार की शहर के एक अस्पताल में एंजियोप्लास्टी हुई और अब उनकी हालत स्थिर है । उनके पारवारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उनकी एंजियोप्लास्टी सोमवार को हुई। अशोक कुमार को रविवार को छाती में दर्द की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्हें दिल का दौरा पड़ा। सूत्र ने कहा ,‘‘ उनकी सफल एंजियोप्लास्टी एस्कॉर्ट्स अस्पताल में हुई । डॉक्टरों ने कुछ स्टेंट डाले हैं चूंकि उनकी धमनी में ब्लॉकेज पाई गई थी । उन्होंने कहा ,‘‘ वह खतरे से बाहर हैं और उनकी हालत स्थिर है । उन्हें दो तीन दिन में अस्पताल से छुट्टी मिल जायेगी । अशोक कुमार 1975 में कुआलालम्पुर में एकमात्र विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य थे ।उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ विजयी गोल दागा था । वह म्युनिख ओलंपिक 1972 में कांस्य पदक जीतने वाली टीम का भी हिस्सा थे । 74 वर्ष के अशोक कुमार को 1974 में अर्जुन पुरस्कार मिला । इस साल हॉकी इंडिया ने उन्हें मेजर ध्यानचंद लाइफटाइम अचीवमेंट सम्मान भी दिया ।
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