नस्लवादी और लिंगभेद संबंधी अपने आठ साल पुराने ट्वीट को लेकर निलंबित किए गए इंग्लैंड के तेज गेंदबाज ओली रॉबिन्सन के बाद अब टीम के और कई खिलाड़ी अपने पुराने ट्वीट को लेकर मुसीबत में फंस सकते हैं। इनमें अनुभवी तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन और विकेटकीपर बल्लेबाज जोस बटलर भी शामिल हैं। इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने नस्लवादी और लिंगभेद संबंधी टिप्पणी के आठ साल पुराने ट्वीट मामले में हाल ही में अपने तेज गेंदबाज ओली रॉबिन्सन को क्रिकेट से निलंबित कर दिया था। रॉबिन्सन ने न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए पहले टेस्ट मैच से अपने इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था।
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38 साल के एंडरसन ने टीम के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड को लेकर फरवरी 2010 में एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था, "आज मैंने पहली बार ब्रॉडी का नया हेयरकट देखा। इसके बारे में निश्चित नहीं हूं। सोचा कि वह 15 साल के लेस्बियन की तरह लग रहा था।"
अपने 11 साल पुराने ट्वीट लेकर अब एंडरसन ने डेली मेल से कहा, " मेरे लिए ये 10-11 साल पहले की घटना है। मैं एक व्यक्ति के रूप में अब बदल चुका हूं। मुझे लगता है कि यही मुश्किल है, चीजें बदलती रहती हैं और आप गलतियां करते हैं।" हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ पुराने ट्वीट्स को लेकर इंग्लैंड खेमे में चिंता व्याप्त है। उन्होंने कहा, " हां, मुझे लगता है। मुझे लगता है कि यह कुछ ऐसा है जिसे हमें देखने की जरूरत है।"
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एंडरसन के अलावा इयोन मोर्गन, जोस बटलर, जो रूट समेत इंग्लैंड के कई स्टार क्रिकेटरों के विवादित सोशल मीडिया पोस्ट वायरल हो रहे हैं। एक मैच में एलेक्स हेल्स के शतक के बाद, बटलर ने उनके लिए बधाई संदेश ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा, " आप बहुत सुंदर बल्लेबाजी कर रहे हैं, सर।"
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ईसीबी के प्रवक्ता ने हाल ही में कहा था, " हमारे ध्यान में यह आया है कि इंग्लैंड के एक खिलाड़ी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट किया था। हम इस मामले को देख रहे हैं और जांच के बाद ही इस पर कोई निर्णय लिया जाएगा।" इंग्लैंड के कोच क्रिस सिल्वरवुड ने सोमवार को कहा था कि इंग्लैंड की टीम भेदभाव के खिलाफ अपनी लड़ाई में बेहतर करना चाहती है।
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सिल्वरवुड ने कहा था, " हम सभी के लिए सबसे बड़ी चीज शिक्षा है। हम सभी बेहतर होने का प्रयास कर रहे हैं, हम में से कोई भी पूर्ण नहीं है, और हम सभी को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हम हर समय सीख रहे हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं कि इस शानदार खेल में सभी का समावेशी हो और किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव न हो।"
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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