कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उनके सहयोगी देश की सामाजिक एकता और सौहार्द को समाप्त करने के लिए अविश्वास और डर का माहौल पैदा कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ने अपने महाधिवेशन के दौरान अपने राजनीतिक संकल्प में कहा, "घातक और विभाजनकारी एजेंडे के तहत, उन लेागों ने सांप्रदायिक भावनाएं और अतिराष्ट्रवाद को भड़काया है।"
संकल्प के अनुसार, "आरएसएस और बीजेपी, लोगों की भावनाओं का दोहन और राजनीतिक सत्ता हासिल करने के लिए धर्म की गलत व्याख्या और दुरुपयोग कर रहे हैं। धर्म और राजनीति का जहरीला मिश्रण हमारे बहुलतावादी समाज और समावेशी लोकतंत्र के लिए खतरा है।" कांग्रेस ने आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा, "सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन का दावा करने वाला आरएसएस, हिंदुओं का एकमात्र प्रतिनिधि होने का ढोंग करता है।"
संकल्प में यह भी दावा किया गया है कि भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म का सार सभी को साथ लेकर चलने वाला, मानवीय मूल्यों को बचाने वाला और हमारी मिश्रित संस्कृति है। 'हिंदुत्व' के साथ निश्चित ही इसका घालमेल नहीं किया जाना चाहिए, जोकि पूरी तरह से राजनीतिक विचारधारा है।" कांग्रेस ने कहा कि, "भारत आज आरएसएस-बीजेपी से जुड़े संस्थानों से हमारे संविधान और भारतीय गणराज्य के मूलभूत सिद्धांतों पर व्यवस्थित हमले का सामना कर रहा है।"
राजनीतिक संकल्प के मुताबिक, "बीजेपी राज्यपालों के संवैधानिक कार्यालयों का दुरुपयोग कर रही है और इसका इस्तेमाल चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने के लिए कर रही है, जिसके अंतर्गत पार्टी लोकप्रिय जनादेश को अगवा कर बहुमत का निर्माण करती है।"
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