केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला करते हुए कांग्रेस की सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहीं सोनिया गांधी ने कहा कि आज मोदी सरकार यूपीए शासन के दौर में बनाई गई जन कल्याणकारी योजनाओं, नीतियों और कार्यक्रमों को बरबार करने पर तुली हुई है। उन्होंने कहा कि पिछले 4 साल के दौरान सत्ता के नशे में मदमस्त सरकार ने कांग्रेस को बरबार करने में कोई कसर बाकी नहीं रखी। साम, दाम, दंड भेद का खुला खेल चल रहा है। लेकिन सत्ता के अहंकार के आगे कांग्रेस न तो कभी झुकी है, और न कभी झुकेगी।
सोनिया गांधी शनिवार कोकांग्रेस के 84वें महाधिवेशन में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रही थीं। महाधिवेशन में अपने छोटे लेकिन बेहद दमदार और प्रभावी भाषण में सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर मीडिया पर नियंत्रण करने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार झूठे मुकदमे दायर कर कांग्रेस को हर तरह से बदनाम करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि, “मोदी सरकार के तानाशाही तौर तरीके, संविधान की उपेक्षा, संसद का अनादर, उनकी विभाजनकारी विचारधारा, विपक्षा के खिलाफ फर्जी मुकदमे लगाना और मीडिया को सताना जैसे षड़यंत्र का पर्दाफाश कर कांग्रेस आगे रहकर संघर्ष कर रही है।”
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मोदी सरकार पर हमले को और तीखा करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि, “प्रधानमंत्री मोदी और उनके सहयोगियों के झूठे दावों, फ्रॉड और भ्रष्टाचार का हम सबूतों के साथ खुलासा कर रहे हैं।” सोनिया गांधी ने मोदी सरकार के नारों का जिक्र करते हुए कहा कि, “लोग समझ गए हैं कि सबका साथ सबका विकास और न खाउंगा न खाने दूंगा जैसे वादे सिर्फ वोट हथियाने की चाल थी, कुर्सी हथियाने की ड्रामेबाजी थी।” उन्होंने कांग्रेस की राज्य इकाइयों की तारीफ करते हुए कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता बीजेपी सरकारों की नाकामियों और उनके अपराधों को उजागर कर रहे हैं।
उन्होंने कांग्रेस के आने वाले समय के बारे में कहा कि जिस वक्त कांग्रेस के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ रहा है, वहीं कठिन समय की चुनौतियां भी हमारे सामने हैं। सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी का नाम लिए बिना उनके और बीजेपी के ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ के नारे का जवाब देते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं से ऐसा भारत बनाने का आव्हान किया, जो सत्ता के भय से मुक्त हो, सत्ता की मनमानी से मुक्त हो। उन्होंने कहा कि, “हमें ऐसे भारत का निर्माण करना है, जहां सबके जीवन गरिमा बनी रहे, पक्षपात मुक्त भारत, प्रतिशोध मुक्त भारत, अहंकार मुक्त भारत, इसके लिए एक एक कांग्रेस जन को हर बलिदान देने को तैयार रहना है।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सिर्फ एक राजनीतिक दल नहीं है, यह एक विचारधारा है, हमारे राष्ट्रीय जीवन का अभिन्न अंग है। सोनिया गांधी ने कहा कि आज जरूरत है कि कांग्रेस वह पार्टी बने जो एक बार फिर देश का एजेंडा तय करे, और देश में समाज के सभी विविध और विभिन्न वर्गों की नुमाइंदगी करे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को ऐसा बनाना होगा जो देश में एक राजनीतिक और सामाजिक संवाद कायम कर सके।
सोनिया गांधी ने उम्मीद जताई कि कांग्रेस अगले महीनों में होने वाले कर्नाटक चुनाव में फिर से ऐसा प्रदर्शन करेगी, जो देश की राजनीतिक में एक नई दिशा कायम करेगी। उन्होंने राजस्थान और मध्यप्रदेश के हाल के उपचुनावों को नतीजों के संदर्भ में कहा कि इससे साबित होता है कि लोगों के दिलों में आज भी कांग्रेस को लेकर कितना सदभाव है।
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सोनिया गांधी ने स्वंय के राजनीति में आने की परिस्थितियों का हवाल देते हुए कहा कि, “परिस्थितियों ने मुझे सार्वजनिक जीवन में आने के लिए प्रेरित किया, यह ऐसी दुनिया थी, जिसमें मैं कभी नहीं आना चाहती थी। लेकिन जब मुझे लगा कि पार्टी कमजोर हो रही है और बुनियादी अधिकार खतरे में हैं। तब मैंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए मैंने कांग्रेस पार्टीको संभाला। आप सबके समर्थन ने मुझे शक्ति दी।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस को लोगों ने दृढ संकल्प के साथ समर्थन दिया। 2003 से हमने केंद्र के साथ कई राज्यों में भी सरकारें बनाईं।
गठबंधन की राजनीति पर टिप्पणी करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि बदलते राजनीतिक माहौल के साथ 2003 के शिमला शिविर में तय किया था कि हम समान विचारधारा वाले दलों के साथ मिलकर काम करेंगे, और 2004 में वह कामयाबी हासिल की, जो लोगों को असंभव लग रही थी और केंद्र में मनमोहन सिंह की अगुवाई में सरकार बनी।
उन्होंने यूपीए सरकार की उपलब्धियों के संदर्भ में कहा कि हमने ऐसी नीतियां बनाई, जिसके फलस्वरूप हमें 2009 में और अधिक मजबूत कामयाबी मिली। उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था के बारे में कहा कि मनमोहन सिंह के शासन में देश की अर्थव्यवस्था जितनी बढ़ी वैसी किसी सरकार के शासन में नहीं बढ़ी। उन्होंने मनरेगा, सूचना का अधिकार, वन अधिकार जैसी यूपीए सरकार की नीतियों और कार्यकर्मों का जिक्र किया। सोनिया गांधी ने कांग्रेस के इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि कैसे 1978 में इंदिरा गांधी ने एक बार फिर से चिकमंगलूर में जीत हासिल कर कांग्रेस को पुनर्जीवित किया। सोनिया गांधी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मौजूदा दौर की चुनौतियों से निपटने के लिए कमर कसने को कहा।
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