अपने रूहानी संगीत से दुनिया के लोगों का दिल जीत लेने वाले संगीतकार ए आर रहमान का सुरों के साथ नाता ठीक वैसा ही है, जैसे आत्मा और शरीर का होता है। भारतीय संगीत की खुशबू अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फैलाने वाले ए आर रहमान सूफी संगीत के कायल हैं और उनका कहना है कि सूफी संगीत रूह को सुकून देता है।
विश्व स्तर पर अपने संगीत का लोहा मनवाने वाले संगीतकार ए आर रहमान 18 नवंबर को नई दिल्ली में होने वाले एक सूफी संगीत कार्यक्रम में शामिल होंगे। यह कार्यक्रम शांति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है। इस बारे में उन्होंने बताया, ‘मैं इस कार्यक्रम का हिस्सा बनकर बेहद गर्व महसूस कर रहा हूं। इस तरह का संगीत समारोह भारत में काफी लंबे समय से नहीं हुआ है, ये कई मायने में अलग है।’
ऑस्कर पुरस्कार विजेता ए आर रहमान के लिए सूफीवाद क्या है, यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘ये रूह को सुकून देता है। इसके जरिये आप खुद को एक अलग नजरिये से देखते हैं। हम सभी को आध्यात्मिकता और प्यार की जरूरत है, जो सूफीवाद देता है। मैं मानता हूं कि ये कुछ ऐसा है, जिसे हम सभी को आपस में साझा करना चाहिए। सूफी संगीत शांति, स्वतंत्रता और विविधताओं की अभिव्यक्ति है।’
सूफी संगीत के प्रति युवाओं की समझ और उन्हें इस ओर आकर्षित करने के प्रयास के सवाल पर ए आर रहमान ने कहा, ‘आज के युवा बहुत ही बुद्धिमान हैं, वह खुद ही अच्छा संगीत तलाश कर लेते हैं। मुझे लगता है कि अधिक शुद्ध और पारंपरिक संगीत युवाओं को बहुत आकर्षित करता है और वे उसका आनंद उठाते हैं।’
रहमान के साथ कई फिल्मों में काम कर चुके फिल्म निर्देशक इम्तियाज अली ने हाल ही में कहा था कि कुछ समय बाद रहमान पर भी बायोपिक बननी चाहिए। अगर बायोपिक बनती है तो इसमें रहमान का किरदार कौन निभा सकता है, ये पूछे जाने पर ए आर रहमान ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘इम्तियाज बहुत अच्छे शख्स हैं। बायोपिक में अभिनेता की भूमिका का फैसला तो मेरे हिसाब से निर्देशक पर निर्भर करेगा।’
ऑस्कर, गोल्डन ग्लोब जैसे विश्व प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किए जा चुके एआर रहमान के दुनियाभर में लाखों प्रशंसक हैं। उन्होंने विभिन्न समुदाय, परिवेश और भाषाओं के लोगों को अपने संगीत का दीवाना बनाया है और कहा जाता है कि रहमान का संगीत लोगों के दिलों को छू लेता है। एआर रहमान ने आगे कहा, ‘मेरा संगीत एक बीज की तरह है, आप केवल पेड़ को देखकर इसका अंदाजा नहीं लगा सकते, इसके लिए आपको इसे अपने अंदर उतारना होगा। मुझे खुशी है कि लोग इसे दिल से महसूस करते हैं। संगीत हमें सकारात्मकता से भरता है और अगर मेरे संगीत से किसी को सकारात्मकता मिलती है, तो ये अच्छी बात है। आपको संगीत के फायदे हासिल करने के लिए इसे दिल से सुनना होगा।"
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