सीमा हैदर की जिंदगी हो या उस पर बनने वाली फिल्म, दोनों ही हमेशा लाइमलाइट में रहती है। जानी फायरफॉक्स फिल्म प्रोडक्शन के बैनर तले बन रही 'कराची टू नोएडा' फिल्म का विवाद अब बंबई हाईकोर्ट पहुंच गया है। दरअसल, पिछले कई दिनों से फिल्म के प्रोड्यूसर अमित जानी आरोप लगा रहे थे कि उन्हें मनसे से लगातार धमकियां मिल रही हैं। उनका आरोप है कि मनसे के दवाब में आकर 24 अगस्त को फिल्म मेकर कंबाइन ने 'कराची टू नोएडा' और 'मॉबलिंचिंग' टाइटल को विवादित बताकर ख़ारिज कर दिया।
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जानी ने आरोप लगाया है कि सबकुछ महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के दबाव में हो रहा है। अमित जानी ने आरोप लगाया है कि वह इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर एसोसिएशन के सम्मानित सदस्य हैं। किसी भी सदस्य को दफ्तर आने-जाने की छूट है। लेकिन, दो दिन पहले एसोसिएशन के सचिव अनिल नागर्थ ने कॉल करके मुंबई दफ्तार आने से मना किया और कहा कि आप आओगे तो मनसे हमारा ऑफिस तोड़ देगी। हम आपके टाइटल ऑनलाइन रजिस्टर्ड कर रहे हैं।
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अमित जानी ने आरोप लगाया कि ऑनलाइन की प्रक्रिया में 17 अगस्त तक टाइटल देने के कमिटमेंट पर एसोसिएशन ने फीस ली थी। लेकिन, वह 24 अगस्त तक टालते रहे। अंत में मनसे के दबाव में 'कराची टू नोएडा' को कंट्रोवर्शियल कहकर रिजेक्ट कर दिया। अमित जानी ने आरोप लगाया कि ये नेपोटिज्म है, पक्षपात और भेदभाव पूर्ण कृत्य है, 'कराची टू नोएडा' एक उत्तर प्रदेश का व्यक्ति (उत्तर भारतीय) बना रहा है। यह बात राज ठाकरे को बर्दाश्त नहीं हो रही है। उनके दबाव में फिल्म मेकर्स फिल्म को रोकना चाहते हैं। इन सबसे आहत होकर अमित जानी ने बंबई हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिट पिटीशन दाखिल की है।
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जिसमें मराठी, नॉन मराठी भावना से हिंदी फिल्म उद्योग जगत के नुकसान का हवाला देते हुए हस्तक्षेप की मांग की गई है। अमित जानी ने रिट में हाई कोर्ट को बताया कि 27 अगस्त को उन्हें मुंबई आना है। जबकि, मुंबई आने पर मनसे धमकी दे रहा है।
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