सिनेमा

नहीं रहे पीपली लाइव वाले सीताराम पंचाल

सीताराम पंचाल ने गुरुवार सुबह दुनिया को अलविदा कह दिया। पान सिंह तोमर,पीपली लाइव जैसी फिल्मों में बेहतरीन अदाकारी से दर्शकों का मन मोह लेने वाले पंचाल अब हमारे बीच नहीं हैं।

अभिनेता सीताराम पंचाल / फोटो : Getty Images
अभिनेता सीताराम पंचाल / फोटो : Getty Images 

सीताराम पंचाल चार सालों से लिवर कैंसर से पीड़ित थे और अपने अंतिम दिनों में उन्होंने पैसों की तंगी की वजह से फेसबुक और दोस्तों से मदद की गुहार लगाई थी। जैसे ही सीताराम पंचाल को कैंसर का पता चला उन्होंने कुछ दिनों तक एलोपैथिक इलाज का सहारा लिया।

पंचाल का सफरनामा बड़ा संघर्षपूर्ण रहा। खराब सेहत की वजह से फिल्मों में काम करना बंद कर दिया था, घर में वो अकेले ऐसे शख्स थे जो रोजी रोटी का जुगाड़ करते थे। बीमारी की वजह से घर में रखा सारा पैसा खर्च हो गया, जिसके बाद वे आर्थिक और मानसिक रुप से परेशान रहने लगे आर्थिक परेशानी के दौर में सीताराम पंचाल ने मदद के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। सोशल मीडिया पर पंचाल की मदद के लिए कैंपन भी चलाया गया था। पोस्ट में लिखा था

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इनको तो आप पहचानते ही होंगे, हां नाम नहीं जानते होंगे। ये सीताराम पंचाल जी हैं। पान सिंह तोमर, स्लमडॉग, पीपली लाइव, बैंडिट क्वीन और तमाम फिल्मों में अभिनय कर चुके सीताराम जी कैंसर से जूझ रहे हैं। अपने परिवार में अकेले कमाने वाले सीताराम जी और उनके परिवार को आपकी मदद की जरूरत है। हमारी और आपकी छोटी-छोटी मदद सीताराम जी को कैंसर से लड़ने में मदद करेगी। सीताराम जी को आप इस लिंक पर क्लिक करके मदद कर सकते हैं! इसे शेयर कर अपने दोस्तों से भी कहेंगे तो और बेहतर होगा। शुक्रिया!

पिछले तीन सालों में पंचाल के कई ऐसे दोस्त थे जिन्होंने परेशानी के दिनों में हमेशा उनकी मदद की। इनमें इरफान खान, पंचाल के एनएसडी के साथी संजय मिश्रा, रोहिताश गौड़, टीवी प्रोड्यूसर (एक घऱ बनाऊंगा) राकेश पासवान जैसे लोग शामिल हैं। 54 वर्षीय सीताराम पंचाल ने 1994 में बैंडिट क्वीन फिल्म से अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने स्लमडॉग मिलेनियर,द लीजेंड ऑफ भगत सिंह,जॉली एलएलबी,सारे जहां से महंगा, हल्ला बोल जैसी फिल्मों में बेहतरीन अभिनय का प्रदर्शन किया। आपको बता दें कि सीताराम पंचाल ने अश्विनी की डेब्यू हरियाणवी फिल्म लाडो में भी काम किया था जिसे नेशनल अवॉर्ड मिला था।

सीताराम पंचाल का जन्‍म हरियाणा के कैथल जिले के डूंडर हेड़ी गांव में 1963 में हुआ था. उन्होंने हरियाणवीं फिल्म लाडो के अलावा छन्नो में भी काम किया। बीमारी के दिनों में हरियाणा के सीएम ने आर्थिक मदद का सहयोग भी किया था। स्कूल के दिनों से पंचाला को अभिनय का जबरदस्त क्रेज था। ग्रेजुएशन के बाद दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में उनका सि‍लेक्शन हो गया था. उसके बाद से हिंदी फिल्मों में अलग-अलग किरदारों में नजर आए

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