सिनेमा

मधुबालाः वो बेपनाह खूबसूरत औरत, जिसने देखा, बस दिल दे बैठा, नहीं मिला तो हुस्न-ए-यूसुफ

मधुबाला जब सिनेमा के पर्दे पर नजर आने लगीं तो हजारों से लाखों और फिर लाखों से करोड़ों लोगों के दिल में जगह बना ली। शोहरत, इज्जत और दौलत, क्या नहीं उन्हें मिला, लेकिन दुनिया की सबसे हसीन महिलाओं मे शुमार मधुबाला को उनका प्यार यानी दिलीप कुमार नहीं मिल सके।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

एक थीं मधुबाला। उनके लिए दो ही शब्द इस्तेमाल किये जाते हैं- बेपनाह हसीन। सूरत ऐसी कि जिसने देखा दिल दे दिया। जवान होने से पहले ही सिनेमा के पर्दे की धड़कन बन गयीं। लेकिन किस्मत ऐसी कि उन्होंने जिससे मोहब्बत की वो हाथ ना आया। बेबसी ऐसी कि वो कभी मां नहीं बन सकीं।

मधुबाला का जन्म 14 फरवरी को हुआ। ये दिन सारी दुनिया में मोहब्बत के दिन के तौर पर देखा और मनाया जाता है। मधुबाला तब बहुत छोटी ही थीं, लेकिन जो देखता मन में प्यार उमड़ आता। दरअसल उन्होंने सूरत ही ऐसी पायी थी। और जब वो सिनेमा के पर्दे पर नजर आने लगीं तो हजारों से लाखों और फिर लाखों से करोड़ों लोगों के दिल में जगह बना ली। शोहरत, इज्जत और दौलत, क्या नहीं मिला उन्हें, लेकिन दुनिया की सबसे हसीन महिलाओं मे शुमार की जाने वाली मधुबाला को उनका प्यार यानी दिलीप कुमार नहीं मिल सके। इससे पहले प्रेमनाथ के साथ भी उनके रिश्ते बिना किसी अंजाम तक पहुंचे खत्म हो चुके थे।

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धीरे धीरे मधुबाला की तबियत खराब रहने लगी। पता चला कि उनके दिल में छेद हो गया है। इस रोग का उस समय इलाज संभव नहीं था। डॉक्टरों ने उनसे कहा कि ऐसे में अधिक खुशी, गम या उत्तेजना उनके लिए जानलेवा साबित हो सकती है और मां बनने के प्रयास में तो उनकी मौत निश्चित है। ऐसी किस्मत की तमन्ना तो कोई अपने दुशमन के लिये भी नहीं कर सकता, लेकिन कुदरत ने ऐसी किस्मत मधुबाला के नाम लिख दी थी।

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फोटोः सोशल मीडिया

लेकिन मधुबाला के चाहने वालों की फिल्म इंडस्ट्री में कमी नहीं थी। मधुबाला भी जानती थीं कि कई साल से किशोर कुमार उनसे खामोश मोहब्ब्त करते रहे हैं। एक दिन अपनी तबीयत के बारे में सारी सच्चाई बताते हुए उन्होंने किशोर कुमार से कहा कि वो उनसे शादी कर लें, क्योंकि वे सुहागन के तौर पर मरना चाहती हैं। किशोर ने वाकई मधुबाला से सच्चा प्यार किया था, इसीलिए सब कुछ जानते हुए भी उन्होंने मधुबाला से शादी कर ली। हैरानी है कि प्यार की इस अद्भुत मिसाल के लिये किशोर कुमार को शायद ही कभी याद किया जाता हो।

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मधुबाला विवाहिता तो बनीं, लेकिन बीमारी की वजह से पत्नी का रिश्ता नहीं निभा पायीं। शादी के बाद उनकी तबीयत और बिगड़ने लगी। वो शिद्दत के साथ चाहती थीं कि किशोर कुमार उनके साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताएं, लेकिन किशोर कुमार तब फिल्मों में भी व्यस्त रहते थे। जिंदगी के आखरी दिन मधुबाला ने बहुत बेबसी में गुजारे।

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सब कुछ पास में होते हुए भी उनका हाथ खाली था। इस बेबसी से जूझते-जूझते मधुबाला इतनी थक गयीं कि 23 फरवरी 1969 को उन्होंने जिंदगी से नाता तोड़ लिया। दरअसल जिंदगी के पास उन्हें देने के लिये कुछ बचा भी नहीं था।

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