70 के दशक में भारतीय सिनेमा में बोल्डनेस और ग्लैमर भरने वाली मशहूर अदाकारा परवीन बाबी का फिल्मी सफर हर लिहाज से परिपूर्ण रहा। करीब एक दशक के अपने फल्मी सफर के दौरान लगभग 50 फिल्मों के जरिये लोगों के दिलों पर राज करने वाली परवीन बाबी की जिंदगी के आखिरी दिन बिल्कुल तन्हाई में गुजरे। अजीब बीमारी के चलते परवीन फिल्म इंडस्ट्री से तो अलग हो गयीं, लेकिन उनके चाहने वालों के दिलों में वो आज भी जिंदा हैं। आज परवीन बाबी के जन्म की 70वीं सालगिरह है। आइये जानते हैं परवीन के जीवन से जुड़े कुछ रोचक किस्से।
जूनागढ़ के एक मध्यम वर्गीय मुस्लिम परिवार में जन्मी परवीन बाबी की परवरिश पाश्चात्य ढंग से हुई थी। जिस दौर में हिंदी फिल्मों में साड़ी और सूट पहनने का चलन था, उस दौर में फिल्म निर्देशक बीआर इशारा ने परवीन बाबी को 1977 में आई उनकी पहली फिल्म ‘चरित्र’ के लिए कास्ट किया। क्रिकेटर सलीम दुर्रानी की साथ परवीन बाबी की जोड़ी लोगों को खासी पसंद नहीं और फिल्म फ्लॉप हो गयी। हालांकि इस फिल्म के बाद परवीन बाबी की खूब चर्चाएं होने लगी और बस यहीं से उनके फिल्मी सफर की शुरुआत हुई।
फिल्म निर्देशक बीआर इशारा चरित्र के फ्लॉप होने के बाद अपनी फिल्म के लिए नए चेहरे की तलाश में थे। एक दिन परवीन बाबी बड़े ही दिलकश अंदाज में सिगरेट के छल्ले बना रही थी। तभी बीआर इशारा की नजर परवीन बाबी पर पड़ी और उन्होंने तय कर लिया कि उनकी अगली फिल्म में परवीन ही अभिनेत्री होंगी। अमिताभ बच्चन के साथ परवीन बाबी की मजबूर फिल्म जबरदस्त हिट हुई।
परवीन बाबी ने फिल्म इंडस्ट्री में भले ही जबरदस्त शोहरत कमाई हो लेकिन उनका निजी जीवन हमेशा ही सूना और विवादों भरा रहा। अभिनेता डैनी के साथ 4 साल के अफेयर के बाद कबीर बेदी बाबी की जिंदगी में आये। हालांकि कबीर बेदी उस समय पहले से ही शादीशुदा थे। उन दिनों 'द इलस्ट्रेटेड वीकली ऑफ इंडिया' में लिखे अपने संस्मरण में परवीन ने कहा था, "मेरा करियर इससे बेहतर कभी नहीं रहा। मैं नंबर एक की रेस में हूं। बंबई में कोई ऐसी फिल्म नहीं बन रही है, जिसमें परवीन बाबी ना हो। लोग मेरी इस कामयाब वापसी से चकित हैं। कई लोग इसे मेरा लक बता रहे हैं, लेकिन मैं आपको बताना चाहती हूं कि इसमें लक की कोई बात नहीं है, ये बिल्कुल पसीना और आंसू है जो टूटे दिल के साथ कठिन मेहनत से आई है।''
इसके बाद मशहूर फिल्म डायरेक्टर महेश भट्ट पर परवीन का दिल आया और 1977 के आखिर में शादीशुदा होने बावजूद भी बेटी पूजा भट्ट और पत्नी को छोड़कर महेश परवीन बाबी के साथ लिव इन में रहने लगे। हालांकि उन दिनों महेश का करियर बेहद ही बुरे हालातों में था और परवीन बाबी एक स्टार बन चुकी थीं।
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महेश भट्ट ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि बाबी ‘पैरानायड स्कित्ज़ोफ़्रेनिया’ नाम की एक मानसिक बीमारी से ग्रस्त हैं। महेश भट्ट ने यही भी बताया था कि एक दिन जब वे परवीन से मिलने उनके घर गए तो वे हाथ में चाकू लिए एक कोने में बैठी थीं और कांपते हुए कह रही थीं की दरवाजा बंद कर दो महेश कोई हमें मारने आरहा है। बीमारी के चलते बाबी ने फिल्म इंडस्ट्री से किनारा कर लिया और अमेरिका चली गयीं। बीमारी के दौरान उन्होंने बताया था की सदी के महानायक अमिताभ बच्चन उन्हें जान से मारना चाहते हैं।
अपने अंतिम दिनो में भी परवीन बाबी अकेले ही अपनी परेशानियों से लडती रहीं। उन्होंने किसी भी तरह की मदद के लिए किसी के सामने हाथ नहीं फैलाया। एक दौर था जब परवीन के घर इंडस्ट्री के बड़े-बड़े फिल्म प्रोड्यूसर उनसे मिलने के लिए कतार में खड़े रहते थे लेकिन उनके अंतिम दिनों में सब उन्हें भूल गए। अपनी जिंदगी के सूनेपन को अंतिम दिनों तक भी परवीन नहीं भर पायीं और 20 जनवरी 2005 को रहस्यमय तरीके से परवीन बाबी की मौत हो गयी। मुंबई के जुहू स्थित अपने घर में परवीन बाबी मृत हालत में पायी गयी थीं।
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