अभिनेत्री जूही चावला ने 90 के दशक में चुलबुली और आम लड़की के किरदार में दर्शकों के दिलों पर राज किया था। और, जब उन्होंने 'गुलाब गैंग' में खलनायिका का किरदार निभाया तो खुद उन्हें लगा कि आज तक इससे जबरदस्त कोई विलेन नहीं हुआ है। लेकिन, उन्हें तब बहुत ताज्जुब हुआ, अजीब लगा जब फिल्म निर्माताओं ने ऐसी ही नकारात्मक भूमिकाओं के लिए उनसे संपर्क नहीं किया।
जूही ने आईएएनएस से एक ईमेल इंटरव्यू में कहा, "विश्वास कीजिए, 'गुलाब गैंग' के बाद मैं खुद को सर्वश्रेष्ठ खलनायक मानने लगी थी। उस किरदार को निभाते हुए मुझे इतना मजा आया कि मुझे ऐसे ही और किरदार करने का मन होने लगा। लेकिन, ताज्जुब की बात है कि मेरे पास वैसे किरदार लेकर ज्यादा लोग नहीं आए।"
'कयामत से कयामत तक', 'बोल राधा बोल', 'हम हैं राही प्यार के', 'डर', 'इश्क', 'माई ब्रदर निखिल' जैसी फिल्मों में काम कर चुकीं जूही ने 'गुलाब गैंग' की भ्रष्ट राजनेता की नकारात्मक भूमिका निभाकर अपनी अदाकारी के दायरे को और विस्तृत किया। इसमें उनके अभिनय की व्यापक स्तर पर सराहना हुई थी और कई समीक्षकों ने उनके काम को उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी बताया था।
'वोमेन आफ इंडिया आर्गेनिक फेस्टिवल' के पहले संस्करण की ब्रांड एंबेसडर जूही (50) का कहना है कि एक फिल्म में वे ऐसा ही एक नकारात्मक किरदार निभा रही हैं। फिल्म का नाम अभी तय नहीं हुआ है। जूही वेब सीरीज 'द टेस्ट केस' से डिजिटल दुनिया में पदार्पण कर चुकीं हैं।
वह शाहरुख खान अभिनीत 'जीरो' में एक कैमियो करने के अलावा फिलहाल एक मनोवैज्ञानिक फिल्म की शूटिंग कर रही हैं जिसमें वे रोजमर्रा की जिंदगी से काफी अलग किरदार निभा रही हैं।
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