गुजरात हाईकोर्ट ने आमिर खान के बेटे जुनैद खान की अपकमिंग फिल्म 'महाराज' की रिलीज पर लगाई गई रोक को हटा दिया है। इस मामले को लेकर कोर्ट में शुक्रवार को भी सुनवाई हुई। इस पर जजों ने फैसला सुनाते हुए कहा कि इसमें वैष्णव संप्रदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला कोई सीन नहीं है। उज्जैन में वैष्णव संप्रदाय ने फिल्म को सनातन धर्म के खिलाफ बताते हुए विरोध-प्रदर्शन किया था, साथ ही फिल्म पर रोक लगाने की भी मांग की थी। उन्होंने कोर्ट में याचिका भी दायर की थी। गुरुवार को फिल्म देखने के बाद गुजरात हाईकोर्ट ने इस पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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बता दें कि यह फिल्म 14 जून को रिलीज होने वाली थी, लेकिन मामला कोर्ट में होने चलते फिल्म पर अस्थायी रोक लगा दी गई। गुजरात हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान जजों से इस मामले पर कोई फैसला देने से पहले फिल्म को देखने की अपील की गई। बुधवार को कोर्ट ने कहा कि वो पहले ये फिल्म देखेंगे और उसके बाद फैसला लेंगे कि फिल्म पर रोक लगाई जानी चाहिए या नहीं।
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'महाराज' की कहानी 1862 में ब्रिटिश राज के दौरान करसनदास मुलजी से जुड़े मानहानि केस पर आधारित है। वह समाज सुधारक और पत्रकार थे। भारतीय कानून के इतिहास में इस केस का गहरा प्रभाव है। मानहानि मामले में जदुनाथजी महाराज ने करसनदास पर मानहानि का केस दर्ज किया था कि वो उनकी और भक्तों की छवि बिगाड़ रहे हैं। इस मामले में तत्कालीन बॉम्बे सुप्रीम कोर्ट के ब्रिटिश जजों ने करीब डेढ़ महीने की सुनवाई के बाद करसनदास के पक्ष में फैसला सुनाया था।
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फिल्म में आमिर खान के बेटे जुनैद पत्रकार करसनदास मुलजी के किरदार में हैं। वहीं जयदीप अहलावत विलेन के रोल में हैं। फिल्म पर हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया जा रहा था। गुजरात हाई कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि हिंदू धर्म इसकी निंदा करता है। इसमें भगवान कृष्ण के खिलाफ निंदनीय बातें हैं। लेकिन अब हाईकोर्ट की पीठ ने फिल्म देखने के बाद साफ कर दिया है कि इसमें किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला कोई सीन नहीं है।
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