अपने जमाने की सफल अभिनेत्री और अभिनेता सैफ अली खान की मां शर्मिला टैगोर का कहना है कि वह अपनी पोती सारा अली खान का आत्मविश्वास, विनम्रता और आकर्षण देखकर बेहद खुश होती हैं। शर्मिला ने कहा कि जिस तरह से सैफ अली खान की पूर्व पत्नी अमृता सिंह की बेटी उभरकर सामने आई हैं, वह अभिभूत करने वाला है।
शनिवार को 74 साल की हो गईं शर्मिला से जब पूछा गया कि जन्मदिन पर वह क्या कर रही हैं तो उन्होंने कहा कि कुछ खास नहीं। हालांकि उन्होंने कहा, “मुझे डर है कि कुछ दोस्त आ सकते हैं। सबा और सैफ को अगर मौका मिला तो वे आ सकते हैं। देखते हैं क्या होता है।”
सुपरहिट फिल्म 'आराधना' की अभिनेत्री ने बताया कि पिछले एक साल में परिवार में दो खूबसूरत बच्चों पोता (तैमूर) और नातिन (इनाया) की मौजूदगी से उनकी खुशी बढ़ी है। उन्होंने कहा, “मैं जितना उन्हें मिल सकती हूं मिलती हूं, लेकिन ज्यादा नहीं, क्योंकि हम अलग-अलग शहरों में रहते हैं। लेकिन मैं इतना जरूर कहना चाहूंगी कि उन्हें देखकर मुझमें फिर से एक नई ऊर्जा आ जाती है, उत्साहित हो जाती हूं। छोटे बच्चों की चपलता, ऊर्जा से बढ़कर कुछ नहीं है।” उन्होंने कहा कि वह चाहती हैं कि ज्यादा से ज्यादा वक्त उनके साथ गुजार सकें।
अपने करियर के शिखर पर होने के दौरान मां और अभिनेत्री का बेहतरीन संयोजन करने वाली शर्मिला टैगोर ने बताया कि 'सफर' और 'छोटी बहू' के दौरान वह गर्भवती थीं और गर्भावस्था के अंतिम दिनों में काफी बीमार पड़ गई थीं। फिर 'बेशरम' के दौरान बेटी सबा के साथ गर्भवती थीं।
अपने पति और पटौदी के नवाब मंसूर अली खान पटौदी पर बायोपिक के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "देखिए, यह इस पर निर्भर करेगा कि जहाज का कप्तान कौन है। निर्माता और निर्देशक। मेरा मनना है कि उनके जीवन में जो उतार-चढ़ाव व रोचक घटनाएं हुईं, उस हिसाब से यह एक अच्छी कहानी है। पिता का निधन होना, एक आंख खो देना, उसके बाद उनका एवरेज 60 से 30 पर आ गया। इतनी कम उम्र में इतना सब सहना, मुझे नहीं लगता कि कोई और इन सबसे से सहजता से निपट पाता। आंख की दुर्घटना के बाद उन्होंने न सिर्फ बल्लेबाजी की बल्कि फिल्डिंग भी करते रहे। मेरे ख्याल से वह एक असाधारण खिलाड़ी थे। भगवान जानते हैं कि अगर उनके दोनों आंख होते तो फिर वह कितनी उपलब्धि हासिल कर लेते।” शर्मिला टैगोर ने पति नवाब पटौदी को याद करते हुए कहा कि जिंदगी ने उन्हें जो कुछ दिया है उसके लिए वह आभारी हैं।
शर्मिला ने यह पूछे जाने पर कि हमारे समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लकेर काफी बातें हो रही हैं, तो उस जमाने में उन्हें किस चीज ने मजबूत, आत्मनिर्भर और निडर बनाया तो उन्होंने कहा, "शायद मेरी पारिवारिक पृष्ठभूमि ने। हमारे परिवार में हमेशा मजबूत महिलाएं रही हैं और मुझमें आत्मविश्वास भी था। मैं करियर के बारे में ज्यादा सोचती भी नहीं थी। मैंने काम करना पसंद किया और इसका लुत्फ उठाया। मेरे परिवार से मुझे बेहतरीन समझ मिली थी और शायद इसी बात ने मुझे किसी भी नुकसान से दूर रखा।" उन्होंने बताया कि उनकी हेयरड्रेसर नीना भी उन्हें लेकर काफी प्रोटेक्टिव थीं और उनके व्यवहार पर नजर रखती थीं और आउटडोर शूटिंग के दौरान साथ जाती थीं।
पोती सारा का जिक्र करने पर उन्होंने कहा कि वह उनके आगाज (फिल्म 'केदारनाथ' से) को लेकर बहुत रोमांचित हैं। उन्होंने अपनी पोती से खुद के प्रभावित होने की बात करते हुए कहा, “मैं यह समझ नहीं पाती कि उसके आत्मविश्वास को देखकर मुझे हैरानी क्यों होनी चाहिए। लेकिन, चाहे वह 'कॉफी विद करण' हो, राजीव मसंद, बीबीचेर को दिया साक्षात्कार हो..उसका आत्मविश्वास, विनम्रता और आकर्षण देख मुझे बेहद खुशी होती है। जिस तरह से वह उभर कर आई है, यह देखना अभिभूत कर देने वाला है।”
सारा के कोलंबिया यूनिवर्सिटी से पढ़ाई के बावजूद फिल्मों में काम करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सारा के लिए शिक्षा एक शख्स के तौर पर समझ और व्यक्तित्व के विकास के लिए था, ना कि करियर के लिए। उन्होंने कहा कि सारा अपनी बात कहने में कभी भी संकोची नहीं रही और जिस तरह से करण जौहर के शो में अपने पिता के समर्थन में वह खड़ी नजर आईं, उस पर उन्हें वास्तव में गर्व है।
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पोते तैमूर के मीडिया में सुपरस्टार बन जाने को लेकर सवाल पूछे जाने पर उन्होंने हंसते हुए कहा कि इस बात लेकर उन्हें थोड़ी चिंता होती है। उन्होंने कहा कि फिलहाल तैमूर इन सब चीजों को समझने के लिए बहुत छोटा है, लेकिन बड़े होने पर ज्यादा मीडिया अटेंशन मिलने से वह प्रभावित हो सकता है। लेकिन जैसा कि सारा ने कहा है कि हम आज के दौर में मीडिया के बिना रह ही नहीं सकते।
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