फिल्म परमाणु की सफलता के बाद जॉन अब्राहम अपनी नई फिल्म ‘सत्यमेव जयते’ के साथ वापसी कर रहे है, जॉन की सत्यमेव जयते 15 अगस्त को रिलीज हो रही है। इस फिल्म में जॉन के साथ मनोज बाजपेयी और अमृता खानविल्कर नजर आएंगी।
मीडिया के साथ हाल ही में बातचीत करते हुए जॉन ने खुलासा किया कि उन्होंने सत्यमेव जयते की रिलीज़ के लिए स्वतंत्रता दिवस को चुना क्योंकि यह फिल्म एक्शन, ड्रामा और देशभक्ति से भरी हुई है और हमें लगता है कि बहुत लंबे समय से हमने कोई ऐसी फिल्म नहीं देखी है। सत्यमेव जयते, देशभक्ति विषय पर बनी एक व्यावसायिक फिल्म है, इसलिए स्वतंत्रता दिवस इस फिल्म को रिलीज करने के लिए सबसे बेहतरीन दिन होगा।
अक्षय कुमार की गोल्ड से होगी टक्कर
बता दें की सत्यमेव जयते के साथ ही 15 अगस्त को अक्षय कुमार की फिल्म गोल्ड भी रिलीज़ हो रही है। दोनों फिल्मों में टक्कर की बात पर बोलते हुए जॉन अब्राहम ने कहा कि दोनों फिल्मों का एक साथ रिलीज़ होना एक अच्छी बात है, दोनों ही फ़िल्में देशभक्ति से भरी हुई है और इस तरह वह दोनों एक दूसरे की कमी को पूरा करेंगी।
जॉन ने आगे कहा कि दोनों फिल्मों को एक साथ रिलीज करने के लिए पर्याप्त जगह है। अगर लोग सत्यमेव जयते देखने जाते हैं तो हमें ख़ुशी होगी और अगर लोग गोल्ड देखने जाते है तो भी हमे बेहद ख़ुशी होगी।
फिल्म की कहानी वास्तविक जीवन की घटना पर आधारित होने की बात पर बोलते हुए निर्माता भूषण कुमार ने जवाब दिया कि फिल्म किसी वास्तविक जीवन पर आधारित नहीं है, लेकिन इसकी कहानी हमारी समाज की असली तस्वीर दर्शाती है। हमारे देश में भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या है। सत्यमेव जयते इस बात पर ध्यान केंद्रित करती हैं कि आम आदमी किस तरह भ्रष्टाचार का सामना करता है और किस तरह उसे मजबूती के साथ इसका सामना करना चाहिए।
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हम सभी को भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना होगा: मनोज बाजपेयी
फिल्म के विषय के बारे में बात करते हुए अभिनेता मनोज बाजपेई ने कहा कि भ्रष्टाचार देश में एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और हम सभी को इसके खिलाफ लड़ना होगा। इस विषय पर फिल्में बनाकर हम इस संदेश को समाज तक पहुंचाना चाहते हैं।
भ्रष्टाचार पर इतनी सारी फिल्में हैं और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक व्यक्ति का क्रूसेड है, आपकी फिल्म में क्या अलग है, आपको अपनी फिल्म क्यों देखना चाहिए?
इस सवाल का जवाब देते हुए मनोज बाजपेयी ने कहा कि ऐसी कई बातें है जो इस फिल्म को अलग बनाती हैं। जब लोग इस फिल्म को देखेंगे तो वे अंतर महसूस करेंगे। एक फिल्म बनाना भ्रष्टाचार की समस्या को हल करने में मदद करे या नहीं वो अलग बात है, क्योंकि यह सरकार की जिम्मेदारी है। लेकिन अगर भ्रष्टाचार जैसी समस्या पर फिल्म बनती है तो इसका मतलब है कि फिल्म निर्माता इस मुद्दे के बारे में सोच रहे हैं और लोगों को इसके बारे में जागरूक करने की कोशिश कर रहे हैं। फिल्मों के माध्यम से हम सिर्फ वास्तविकता का एक पहलू दिखा सकते हैं, लेकिन हम भ्रष्टाचार को दूर नहीं कर सकते।
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