विद्या बालन की ताजा-तरीन फिल्म 'मिशन मंगल' बॉक्स ऑफिस पर कमाल कर रही है और अब वह वेब सीरीज की ओर रुख करने जा रही हैं। देश की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर बनने जा रही सीरीज में विद्या नजर आएंगी। इस वेब सीरीज का निर्देशन रितेश बत्रा करेंगे। 'द लंच बॉक्स' से चर्चा में आए रितेश के निर्देशन में विद्या बालन, इरफान, निमरत कौर और नवाजुद्दीन सिद्दीकी अभिनय करेंगे।
विद्या बालन ने साल की शुरुआत में ही घोषणा की थी कि वह इंदिरा गांधी पर बनने जा रही एक वेब सीरीज में काम करने की योजना बना रही हैं।
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उन्होंने कहा, "मैं एक वेब सीरीज करने की कोशिश में हूं, जो इंदिरा गांधीजी के जीवन पर आधारित है। हम अभी महज कोशिश कर रहे हैं, देखिए आगे यह कैसा आकार लेती है। यह काम काफी समय लेगा, लेकिन जब मैं इसे करूंगी तो बेहतर करना सुनिश्चित करूंगी।"
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राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता खय्याम के निधन की खबर जब सोमवार रात को आई तो लता मंगेशकर और अमिताभ बच्चन जैसे बॉलीवुड की कई हस्तियां स्तब्ध रह गए। एक सहयोगी ने कहा, बॉलीवुड के इस दिग्गज संगीतकार का असली नाम मोहम्मद जाहिर हाशमी था। सोमवार देर रात को 92 वर्ष की आयु में बीमारी के चलते उनका निधन यहां के एक निजी अस्पताल में हुआ।
खय्याम 'कभी-कभी', 'उमराव जान' के गाने 'इन आंखों की मस्ती में', फिल्म 'त्रिशूल' के गाने 'आपकी महकती हुई जुल्फों' और रजिया सुल्तान के गाने 'ऐ दिल-ए-नादां' जैसी कई और सदाबहार गीतों के लिए मशहूर हैं।
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उन्होंने मीना कुमारी के एल्बम 'आई राइट आई रिसाइट' के लिए भी संगीत तैयार किया, इसमें मीना कुमारी ने अपनी काव्य रचनाओं को अपनी आवाज दी थी।
अमिताभ बच्चन उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, ‘संगीत में एक किंवदंती। एक मृदुभाषी मिलनसार व्यक्ति। एक जिन्होंने कई फिल्मों में योगदान दिया जिनमें से कुछ मेरी भी महत्वपूर्ण फिल्में हैं, उनका निधन हो गया। प्रार्थनाएं, संवेदनाएं।’
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संगीतकार एआर रहमान ने लिखा, ‘एक सच्चे देशभक्त और एक मास्टर गीतकार..मोहम्मद जहूर खय्याम।
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अनिल कपूर ने लिखा, ‘एक विनम्र शख्सियत, महान संगीतकार और एक सच्चे कलाकार। खय्याम साहब एक प्रेरणा थे और रहेंगे। उन्हें सही मायनों में याद किया जाएगा।’
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शेख सुमन ने कहा, ‘आरआईपी खय्याम साहब। दुनिया आपके खूबसूरत गीतों को याद करेगी। आप एक उस्ताद और सज्जन व्यक्ति थे। 'उमराव जान' का संगीत। हमेशा सर्वश्रेष्ठ व्यक्तियों में से एक रहेंगे। अलविदा!’
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विशाली ददलानी ने लिखा, ‘ऐसा लग रहा है कि मानों आज संगीत ने अपना एक धुन खो दिया। खय्याम साहब, आपके संगीत और हम जितनी बार मिले उतनी बार आपके करूणामय व्यवहार के लिए आपका धन्यवाद। काश ऐसा कई और बार होता, लेकिन मुझे खुशी है कि मैं आपके सामने जाकर आपका शुक्रिया अदा कर पाया।’
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(आईएएनएस इनपुट के साथ)
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