संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ की रिलीज को लेकर चल रहे गतिरोध के खत्म होने का रास्ता साफ हो गया है। सेंसर बोर्ड ने फिल्म को हरी झंडी देने के लिए कुछ शर्तें रखी हैं। इनमें सबसे पहली शर्त यह है कि फिल्म का नाम बदला जाए और इसे ‘पद्मावती’ की जगह ‘पद्मावत’ नाम दिया जाए। गौर करने की बात है कि ‘पद्मावत’ सूफी कवि मलिक मोहम्मद जायसी की रचना थी और पद्मावती नाम की रानी का काल्पनिक किरदार उन्होंने ही गढ़ा था।
सेंसर बोर्ड ने फिल्म में 26 कट करने का भी सुझाव दिया है। इसके अलावा बोर्ड ने यह भी कहा है कि फिल्म के शुरू होने और मध्यांतर के वक्त एक डिस्क्लेमर भी चलाया जाए।
सेंसर बोर्ड ने फिल्म को परखने के लिए एक विशेष पैनल गठित किया था जिसमें इतिहासकार और राजस्थान के पूर्ववर्ती रॉयल परिवार से जुड़े हुए लोग थे।
Published: 30 Dec 2017, 2:51 PM IST
इस फिल्म को लेकर विवाद भी बढ़ रहा है। देश के कई राज्यों में फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर करणी सेना के कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
मेरठ में एक राजपूत नेता ने कहा था कि जो संजय लीला भंसाली का सिर काट कर लाएगा, उसे पांच करोड़ का इनाम दिया जाएगा।
करणी सेना ने फिल्म की अभिनेत्री दीपिका पादुकोण को भी चेतावनी दी थी। सेना के प्रदेश अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने कहा था, “राजपूतों ने कभी औरतों पर हाथ नहीं उठाया, लेकिन जरूरत पड़ी तो हम दीपिका के साथ वही करेंगे जो लक्ष्मण ने शूर्पणखा के साथ किया था।”
फिल्म ‘पद्मावती’ पर विवाद बढ़ता देख उत्तर प्रदेश की सरकार ने केन्द्र को पत्र लिखकर कहा था कि राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव को देखते हुए फिल्म को 1 दिसम्बर को रिलीज नहीं किया जाए। प्रदेश सरकार ने कहा था कि 1 दिसंबर को फिल्मी पद्मावती का रिलीज होना राज्य की शांति व्यवस्था के हित में नहीं होगा।
कई और संगठन भी फिल्म के प्रदर्शित होने पर सिनेमाघरों में तोड़फोड़ और आगजनी की चेतावनी दे रहे थे।
Published: 30 Dec 2017, 2:51 PM IST
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Published: 30 Dec 2017, 2:51 PM IST