सिनेमा

सिनेजीवन: आशा भोसले बोलीं- सरल हिंदी के इस्तेमाल से पुनर्जीवित होंगी गज़लें, रणवीर ने रिलीज किया रोमांटिक गाना

आशा भोसले ने कहा कि उर्दू के युग से बाहर निकलने की आवश्यकता है, क्योंकि आज के युवाओं को इस भाषा को समझने में कठिनाई होती है और इसलिए वे गजल की गहराई और भावनाओं से संपूर्ण शब्दों से जुड़ाव महसूस नहीं कर पाते हैं।

फोटो: IANS
फोटो: IANS 

मशहूर गायिका आशा भोसले का मानना है कि अगर गजलों को सरल हिंदी में लिखा जाए तो यह विधा फिर से जिंदा हो सकती है। उनका मानना है कि आज की युवा पीढ़ी को उर्दू समझने में थोड़ी कठिनाई होती है, ऐसे में हिंदी का इस्तेमाल गजलों में जान डाल सकता है। आशा भोसले कई लोकप्रिय गजलों को अपनी आवाज दे चुकी हैं।

गायिका ने कहा, "अगर गजलों को सरल हिंदी में लिखा जाए तो, युवा लड़के और लड़कियां भी अपनी भावनाओं को उससे जोड़ सकेंगे।"

रेमंड म्यूजिक समिट में उपस्थित होने के दौरान गायिका ने कहा, "ज्यादतर गजलों को उर्दू में लिखा जाता है और उसे गाने के लिए एक उचित शास्त्रीयता की आवश्यकता होती है।"

उन्होंने आगे कहा, "उर्दू के युग से बाहर निकलने की आवश्यकता है, क्योंकि आज के युवाओं को इस भाषा को समझने में कठिनाई होती है और इसलिए वे गजल की गहराई और भावनाओं से संपूर्ण शब्दों से जुड़ाव महसूस नहीं कर पाते हैं। गजलों की विरासत को पुनर्जीवित करने के लिए भाषा को सरल और समसामयिक बनाना ही आज के दौर की मांग है।"

उन्होंने बताया कि सरल भाषा से गजल के भावों की गहराई और भावनाओं को जीवित किया जा सकता है।

अपने नजरिए को सही साबित करने के लिए गायिका ने कहा, "आप तकल्लुफ(औपचारिकता) शब्द को ही लेकर सोचिए, आज की पीढ़ी के युवा इसे कभी भी नहीं समझ पाएंगे। वे इसके अर्थ को नहीं समझ पाएंगे। ऐसे में गजलों को ऐसी सरल भाषा में लिखा जाना चाहिए, जिसे सभी उम्र के लोग समझ सकें।"

इसके साथ ही शास्त्रिय संगीत में पारंगत गायिका ने नए गायकों को 'शास्त्रीय संगीत सीखने की सलाह दी और लगातार सुर पर अभ्यास करने की भी सीख दी।'

वर्तमान समय के संगीत को अप्रमाणिक मानते हुए गायिका ने कहा, "आत्मा को छूने वाला संगीत क्या होता है, ये लोग अब नहीं समझ पा रहे हैं। जो इस बात को समझ पाते हैं, वे उसे वापस लाने के लिए प्रयासरत हैं और यही वजह है कि मैं उनके साथ खड़ी हूं। और इसी वजह से इस समिट में भी उपस्थित हूं।"

Published: 06 Oct 2019, 5:28 PM IST

वहीं, अभिनेता रणवीर सिंह ने शनिवार को अपने म्यूजिक लेबल इंकइंक रिकॉर्ड का पहला रोमांटिक ट्रैक 'मोहब्बत' रिलीज किया है। इस गाने को रैपर काम भारी उर्फ कुणाल ने गाया है। गाना और काम भारी के बारे में रणवीर ने कहा, “काम भारी को उनकी आक्रामक और तेज-तर्रार रैपिंग स्टाइल के लिए पहचाना जाता है। काफी लोग नहीं जानते हैं कि वह 'गली बॉय' के एक प्रेम गीत 'कब से कब तक' के लेखक और सह-संगीतकार भी थे, जिस पर मैंने परफॉर्म किया था।”

अभिनेता ने आगे कहा, “उनके संगीत में उनके आक्रामक पहलू की तरह ही उनका रोमांटिक पहलू भी बहुत खास है। 'मोहब्बत' में श्रोताओं को काम का एक अलग अवतार नजर आएगा, वह जिसके बारे में हमने जाना है और उसे दुनिया के साथ साझा कर हम गर्व महसूस कर रहे हैं।”

रणवीर ने मार्च में फिल्मकार नवजर इरानी के साथ अपने म्यूजिक लेबल को लॉन्च किया था। इस लेबल का पहला गाना 'जहर' था, जिसे काम भारी ने ही गाया था।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

Published: 06 Oct 2019, 5:28 PM IST

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Published: 06 Oct 2019, 5:28 PM IST

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