क्या आपको पता है कि उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर के पास उत्कल एक्स्प्रेस क्यों दुर्घटना का शिकार हो गयी? उत्तर रेलवे के अफसर का बयान जो अखबारों मे छपा है उसे देखकर आप हैरत में रह जाएंगे। इस अफसर का कहना है कि, “खतौली और आसपास के स्टेशनों के कर्मचारियों के बीच किसी किस्म का कोई संपर्क ही नहीं था। जिस वक्त उत्कल एक्सप्रेस 100 किलोमीर की रफ्तार से वहां से गुजरी तो हमारे रिपेयर विभाग के कुछ कर्मचारियों ने पटरी का एक छोटा सा हिस्सा मरम्मत के लिए हटा रखा था। जिस जगह ये हादसा हुआ वहां से पटरी के क्लैम्प और दूसरा साजो-सामान बरामद हुआ है, जिससे साफ जाहिर है कि वहां मरम्मत का काम हो रहा था। इस मरम्मत के बारे में खतौली स्टेशन (इसी स्टेशन के पास दुर्घटना हुयी) के किसी भी अफसर को कोई सूचना नहीं थी।
खबरों के मुताबिक खतौली स्टेशन के आसपास रहने वाले हर व्यक्ति को इस मरम्मत के बारे में जानकारी थी, लेकिन इसकी सूचना न तो खतौली स्टेशन मास्टर को थी और न ही किसी दूसरे आला अफसर को। स्पष्ट है कि जब स्टेशन मास्टर और किसी और अधिकारी को जानकारी ही नहीं है तो किसी किस्म की चेतावनी देने का सवाल ही नहीं उठता। और इसका अंजाम वही हुआ जो टूटी हुई पटरी पर 100 किलोमीटर की स्पीड से दौड़ती ट्रेन का हो सकता है।
अब इस दुर्घटना पर रेल मंत्रालय के एक्शन का कमाल देखिए। रेल मंत्री सुरेश ने दुर्घटना वाले दिन ट्वीट पर कहा था कि इस हादसे के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। और उन्होंने जो कार्रवाई की वह देखिए।
Published: 21 Aug 2017, 5:03 PM IST
रेलवे बोर्ड के एक सदस्य और उत्तर रेलवे के एक जनरल मैनेजर को सजा के तौर पर ‘छुट्टी’ पर भेज दिया गया। जी हां! सही पढ़ा आपने। सजा के तौर पर छुट्टी पर भेज दिया गया। हां खानापुरी के लिए कुछ जूनियर स्टाफ को निलंबित भी किया गया। एक अधिकारी का तबादला भी कर दिया गया।
एक बात और ध्यान देने की है। जब खतौली में यह हादसा हुआ तो उसमें राहत और बचाव का काम अभी ठीक से शुरू भी नहीं हुआ था कि कुछ राष्ट्रवादी चैनलों ने इसे आतंकी घटना कहना शुरु कर दिया। कुछ राष्ट्रवादी न्यूज चैनलों ने तो जैसे ही घटनास्थल के रूप में मुजफ्फरनगर का नाम सुना, बस जैसे उन्हें दिव्य ज्ञान प्राप्त हो गया। कुछ तो इस दुर्घटना को 15 साल पहले एक पश्चिमी राज्य में हुई रेल दुर्घटना से जोड़ने की हद तक पहुंचने की कोशिश करते दिखे।
Published: 21 Aug 2017, 5:03 PM IST
लेकिन जल्द ही उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस दुर्घटना में किसी आतंकी कोण या साजिश की आशंका से साफ इनकार कर दिया। उत्तर प्रदेश के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) आनंद कुमार ने कहा कि उत्कल एक्सप्रेस हादसे की अब तक की जांच में किसी भी आतंकी संगठन के शामिल होने के सबूत नहीं मिले हैं। उन्होंने बताया कि एटीएस कल से घटनास्थल पर कैंप किए हुए है।
वैसे आपको बता दें कि उत्कल एक्सप्रेस ओडीशा के पुरी से उत्तराखंड के हरिद्वार जा रही थी। शनिवार को उत्तर प्रदेश के खतौली के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गयी। हादसे में ट्रेन की 23 बोगियों में से 13 पटरी से उतर गई थीं, जिनमें से 6 बुरी तरह तबाह हो गयीं। इस हादसे में 24 लोगों की मौत हुई है। ये संख्या बढ़ भी सकती है, क्योंकि घायलों में काफी लोगों की हालत गंभीर बनी हुयी है।
केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार आने के बाद से अब तक 27 रेल हादसे हुए हैं, जिनमें 259 यात्रियों की जान जा चुकी है और 899 लोग घायल हुए। अब सवाल उठता है कि क्या रेल यात्रा करने वालों की जान भगवान भरोसे छोड़ दी गई है। तीन सालों में हुए 27 हादसे ये बताने के लिए काफी हैं कि केंद्र की सरकार रेलवे और यात्रियों की सुरक्षा को लेकर कितनी गंभीर है।
Published: 21 Aug 2017, 5:03 PM IST
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Published: 21 Aug 2017, 5:03 PM IST