सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक ऐतिहासिक फैसले में साफ कर दिया कि निजता का अधिकार, संविधान के तहत मिला मौलिक अधिकार है। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली नौ सदस्यीय संविधान पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत नागरिकों को मिले अधिकारों में निजता का अधिकार प्राकृतिक रूप से शामिल है।
सुप्रीम कोर्ट के इस ऐतिहासिक फैसले के बाद कई वकीलों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। ज्यादातर लोगों ने इस फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि यह सही दिशा में लिया गया फैसला है। सर्वसम्मति से दिए गए इस फैसले के लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को बधाई भी दी है।
Published: 24 Aug 2017, 1:35 PM IST
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Published: 24 Aug 2017, 1:35 PM IST