नंदन नीलेकणि की इंफोसिस में वापसी हो गई है। इंफोसिस के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नंदन नीलेकणि को कंपनी का नॉन एक्यजक्यूटिव चेयरमैन नियुक्त किया गया है। कल रात इंफोसिस के बोर्ड की बैठक में सर्वसम्मति से नंदन नीलेकणि के नाम पर मुहर लगी।
नंदन नीलेकणि ने इंफोसिस से एक बार फिर से जुड़ने के बाद कहा कि पहली बार वे 26 साल की उम्र में कंपनी से जुड़े थे और अब दोबारा 62 साल की उम्र में।
Published: 25 Aug 2017, 2:22 PM IST
नीलेकणि ने कहा, ‘मैं नारायणमूर्ति का प्रशंसक हूं। वे देश में कॉरपोरेट प्रशासन के जनक हैं।’ नंदन नीलेकणि ने निवेशकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘इंफोसिस अपने निवेशकों के साथ पारदर्शिता रखेगी और मेरी यह कोशिश होगी कि कपंनी, मूर्ति और अन्य संस्थापकों के बीच एक स्वस्थ रिश्ता बने। मेरी कोशिश होगी कि कंपनी में कोई आपसी मनमुटाव नहीं हो और सभी लोग एकमत रहें।’
कंपनी के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी विशाल सिक्का के कार्यकाल के दौरान इंफोसिस में आपसी मतभेद खुलकर सामने आ गए थे। पिछले कुछ महीनों में इंफोसिस संकट के दौर से गुजरा है।
नीलेकणि भारत में आधार योजना के जनक रहे हैं। 2009 में नीलेकणि को यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया का चेयरमैन बनाया गया था। 2014 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी की टिकट पर लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था। देखना है कि इंफोसिस में उनकी वापसी से कंपनी के संकटों का सामाधान हो पाता है या नहीं।
Published: 25 Aug 2017, 2:22 PM IST
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Published: 25 Aug 2017, 2:22 PM IST