पहले नोटबंदी और फिर जीएसटी लागू होने के बाद देश के उपभोक्ताओँ का विश्वास डगमगाया हुआ है। इस तिमाही में उपभोक्ताओं का विश्वास 128 अंक पर पहुंच गया और उपभोक्ता विश्वासे के मामले में भारत फिलीपींस से भी पीछे हो गया। रिसर्च फर्म नीलसन की ताजा रिपोर्ट में तथ्य सामने आया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर में उपभोक्ताओं का विश्वास मजबूत हो रहा है जबकि भारत में ये डिग रहा है। रिपोर्ट में इसका कारण जीएसटी लागू होने के बाद कारोबार में बदलाव और नौकरियों जाने का अंदेशा बताया गया है।
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इतना ही नहीं नीलसन ने अपनी रिपोर्ट में अगले एक साल के लिए रोजगार की संभावनाओं को लेकर भी उपभोक्ताओं के विश्वास में कमी दर्ज की है। रिपोर्ट के मुताबिक इस मोर्चे पर 8 फीसदी की कमी आयी है। रिपोर्ट के मुताबिक 20 फीसदी भारतीय जीएसटी लागू होने के बाद नौकरी की सुरक्षा को लेकर परेशान हैं। जबकि 13 फीसदी लोग देश की खराब आर्थिक हालत से चिंतित हैं।
नीलसन के दक्षिण एशिया प्रेसीडेंट प्रसून बसु का कहना है कि जीएसटी लागू होने से उत्पादन, और सर्विस प्रोवाइडर के साथ ही उद्योग धंधों से जुड़े लोगों पर विपरीत असर पड़ा है। कुछ क्षेत्रों में तो जीएसटी लागू होने का जबरदस्त असर हुआ है जिससे लोगों का रोजगार छिना है।
इसके अलावा जीएसटी के बाद कीमतों में उछाल की आशंका के चलते भी उपभोक्ताओं के विश्वास में कमी आयी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी और नोटबंदी के बाद भारतीय सतर्क हो गए हैं और उन्हें आशंकाओं ने घेरा हुआ है।
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