लोकसभा चुनाव: छत्तीसगढ़ की बस्तर, तो मध्यप्रदेश की छिंदवाड़ा सीट पर सबकी नजरें, जानें बाकी 5 संसदीय क्षेत्र का हाल

19 अप्रैल को पहले चरण में एक ओर जहां छत्तीसगढ़ की एक तो, वही मध्यप्रदेश की 6 लोकसभा सीटों पर वोटिंग होगी।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण में जिन 102 सीटों पर वोटिंग होगी उनमें मध्यप्रदेश की 6 और छत्तीसगढ़ की एक सीट शामिल है। एक ओर जहां मध्यप्रदेश की छिंदवाड़ा, सीधी, शहडोल, मंडला, जबलपुर और बालाघाट लोकसभा क्षेत्रों में मतदान होगा, तो वहीं छत्तीसगढ़ में बस्तर एक मात्र लोकसभा की सीट है, जहां पहले चरण में वोटिंग है। बस्तर लोकसभा सीट राज्य के अबूझमाड़ क्षेत्र में है, जहां एक गोवा से भी बड़ा एक सर्वेक्षण रहित क्षेत्र है। यहां की आबादी करीब 40,000 है, यह एरिया नक्सलियों का गढ़ है।

मध्यप्रदेश

छिंदवाड़ा लोकसभा सीट

राज्य की इस सीट पर सबकी नजरें हैं। कांग्रेस नेता कमलनाथ इस लोकसभा क्षेत्र से रिकॉर्ड 9 बार चुनाव जीत चुके हैं- 1980, 1984, 1989, 1991, 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014। उनके बेटे नकुल ने 2019 में यहां चुनाव लड़ा था और बीजेपी के नाथन साह को 37,000 से भी ज्यादा वोटों से हराया था। बीजेपी ने इस बार नकुल नाथ के खिलाफ विवेक बंटी साहू को उम्मीदवार बनाया है।

मंडला लोकसभा सीट

यह सीट अनुसूचित जनजाति के उम्मीवार के लिए आरक्षित है। इस सीट से फिलहाल बीजेपी के फग्गन सिंह कुलस्ते सांसद हैं। कुलस्ते ने 2019 में कांग्रेस के उम्मीदवार कमल सिंह मरवाई को 97,000 से भी ज्यादा वोटों से हराया था। 2009 को छोड़कर कुलस्ते यहां से लगातार चुनाव जीतते रहे हैं। 2009 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के बसोरी सिंह मसराम ने जीत हासिल की थी। इस बार के चुनाव में कांग्रेस ने मंडला से कुलस्ते के खिलाफ दिनदोरी के विधायक ओमकार सिंह मरकम को उम्मीदवार बनाया है।

जबलपुर लोकसभा सीट

मध्य प्रदेश की एक और अहम सीट जबलपुर पहले कांग्रेस का गढ़ थी। हालांकि, 1996 से यहां बीजेपी का परचम लहरा रहा है। 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी के राकेश सिंह ने कांग्रेस के उम्मीदवार विवेक कृष्ण तन्खा को 4,54,744 से भी ज्यादा वोटों से हराया था। सिंह लगातार चार बार से चुनाव जीत रहे हैं- 2004, 2009, 2014 और 2019। इस बार के चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने नया चेहरा पेश किया है। बीजेपी ने कांग्रेस के दिनेश यादव के खिलाफ आशीष दूबे को मैदान में उतारा है।

बालाघाट लोकसभा सीट

इस सीट पर बीजेपी ने सांसद ढाल सिंह बिसेन का टिकट काट कर भारती पारधी को प्रत्याशी बनाया है। वहीं, कांग्रेस ने सामान्य वर्ग से आने वाले सम्राट सरस्वार पर दांव लगाया है। यहां पर सामान्य वर्ग का वोट प्रतिशत बहुत कम है। हालांकि, लड़ाई पवार वर्सेस लोधी की है। 2019 के चुनाव में बीजेपी के डॉ ढाल सिंह बिसेन ने कांग्रेस के मधु भक्त को 2,42,066 वोट से हराया था।

शहडोल लोकसभा सीट

यहां की आठ विधानसभा सीट में से सिर्फ एक सीट पुष्पराजगढ़ सीट कांग्रेस के पास है। इस सीट से विधायक फूंदेलाल मार्को को ही कांग्रेस ने टिकट दिया है। वहीं, बीजेपी ने सांसद हिमाद्री सिंह को प्रत्याशी बनाया है। 2019 में इस सीट पर बीजेपी की हिमाद्री सिंह ने कांग्रेस की प्रमिला सिंह को 4,03,333 वोट से हराया था।

सीधी लोकसभा सीट

सीधी सीट पर मुकाबला फंस गया है। यहां पर निर्दलीय प्रत्याशी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रत्याशी बीजेपी को नुकसान पहुंचा रहे है। इस लोकसभा सीट की आठ में से सिर्फ एक सीट चुरहट की कांग्रेस के पास है। बीजेपी ने सामान्य वर्ग से आने वाले डॉ. राजेंद्र मिश्रा को प्रत्याशी बनाया है, जबकि कांग्रेस ने अन्य पिछड़ा वर्ग से आने वाले पूर्व विधायक कमलेश्वर पटेल पर दांव लगाया है। बीजेपी से बागी पूर्व सांसद अजय प्रताप सिंह गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं। 2019 में बीजेपी की रिति पाठक ने कांग्रेस के अजय अर्जुन सिंह को 2,86,524 वोट से मात दी थी।

छत्तीसगढ़

बस्तर लोकसभा सीट

लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए बस्‍तर लोकसभा सीट पर बीजेपी, कांग्रेस के साथ अन्‍य प्रत्‍याशियों ने प्रचार में पूरी ताकत झोंकी। बस्‍तर लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। बस्तर संसदीय सीट के चुनाव में कुल 11 प्रत्याशी आमने-सामने हैं। बता दें कि कुल 12 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र जमा किया था। एक अभ्यर्थी का नामांकन पत्र खारिज होने के बाद 11 प्रत्याशी बच गए। इस सीट पर मुख्‍य रूप से बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुकाबला है। एक ओर जहां बीजेपी ने महेश कश्‍यप को अपना उम्‍मीदवार बनाया है, तो वहीं कांग्रेस के पूर्व मंत्री कवासी लखमा महेश कश्‍यप को मैदान में उतारा है।

बीजेपी ने 1998 से 2019 तक बस्तर में जीत हासिल की थी। पार्टी के बलिराम कश्यप ने 1998 से 2011 में अपनी मृत्यु तक इस सीट का प्रतिनिधित्व किया। उनके बेटे दिनेश कश्यप ने 2014 में इसे जीता। बीजेपी की जीत का सिलसिला 2019 में कांग्रेस के दीपक बैज ने तोड़ दिया, जब उन्होंने बीजेपी के बैदू राम कश्यप को 38,982 वोटों से हराया था।

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