जनता पर फिर महंगाई की मार! RBI ने रेपो रेट 0.35% बढ़ाकर 6.25% किया, महंगे होंगे होम-कार लोन, बढ़ेगी आपकी EMI
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज एलान किया कि रेपो रेट में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी की जा रही है। इसके बाद रेपो रेट बढ़कर 6.25 फीसदी पर आ चुका है। अब आपकी EMI और बढ़ जाएगी।
आम आदमी को एक और झटका लगा है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने बुधवार को मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए रेपो दर को 35 आधार अंकों (0.35 फीसदी) से बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया। इससे पहले आरबीआई ने अक्टूबर और अगस्त में भी रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की थी। मई महीने में भी हुई एमपीसी की बैठक में रेपो रेट को 50 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 4.90% कर दिया गया था। एमपीसी के प्रमुख आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने दरों में बढ़ोतरी की घोषणा की। इससे आने वाले दिनों में लोन महंगा हो सकता है।
रेपो रेट की बढ़ोतरी की घोषणा करते हुए आरबीआई गवर्नर ने यह भी कहा कि अगले चार महीनों में महंगाई दर चार प्रतिशत से ऊपर बने रहने की संभावना है। एमपीसी के छह सदस्यों में से पांच ने रेपो रेट बढ़ाने के फैसले का समर्थन किया है। आरबीआई गवर्नर ने रेपो रेट की घोषणा करते हुए यह भी कहा है कि देश में ग्रामीण मांग में सुधार दिख रहा है। कंज्यूमर कॉन्फिडेंस में भी सुधार हुआ है। आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि वित्तीय वर्ष 2023 में जीडीपी ग्रोथ 6.8% रह सकता है। आरबीआई गवर्नर ने यह भी कहा है कि वत्तीय वर्ष 2024 की पहली तिमाही में सीपीआई 5% रह सकती है।
लोन होंगे महंगे
होम लोन, वीकल लोन, एजुकेशन लोन, पर्सनल लोन और बिजनस लोन भी महंगा हो जाएगा। बोरोइंग कॉस्ट बढ़ने से आम लोग अनावश्यक खर्च से बचते हैं जिससे मांग घटती है। हालांकि रेपो रेट में बढ़ोतरी का उन ग्राहकों को फायदा होगा जिन्होंने एफडी (FD) करा रखी है।
पिछली तीन एमपीसी बैठक में बढ़ा 1.90 फीसदी दरें
रिजर्व बैंक अपनी पिछली तीन मौद्रिक नीति समिति की बैठक में कुल मिलाकर 1.90 फीसदी का इजाफा रेपो रेट में कर चुका है। इसमें से मई में 40 बेसिस पॉइंट और जून और अगस्त में 50-50 बेसिस पॉइंट का इजाफा किया था। आज से पहले रेपो रेट 5.90 फीसदी पर था और आज रेपो रेट में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट 6.25 फीसदी पर आ चुका है।
क्या है रेपो रेट?
रेपो दर का सीधा संबंध बैंक से लिए जाने वाले लोन और ईएमआई से है। दरअसल, रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है, जबकि रिवर्स रेपो रेट उस दर को कहते हैं जिस दर पर बैंकों को आरबीआई पैसा रखने पर ब्याज देती है।
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